Monday, January 20, 2025

शर्मा जी की विदेश यात्रा



यादव जी आज शाम अपने हॉल के सोफे पर बैठे अखबार के पन्ने बार-2 उलट- पलट कर रहे थे । यह दूसरी बार था जब वह सुबह से एक ही खबर दो बार पढ़ चुके थे और हर थोड़ी देर में घड़ी की तरफ देखते । बात यह थी कि सुबह से उनके घर की बिजली गायब थी । घर के main switch board में सुबह-२ शॉर्ट सर्किट हो गया था । यादव जी ने एक electrician को कॉल किया और उसने शाम 4:00 बजे तक आने का तय किया था । घड़ी में शाम के 5 बज चुके थे और यादव जी बिजली मैकेनिक का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे ।

दरअसल बात यह है कि यादव जी के evening walk का टाइम भी हो चला था जहां उनके दोस्त रोज शाम को उनसे मिलते । उमेश यादव जी नोएडा में अपनी पत्नी लक्ष्मी यादव के साथ रहते थे ।

यादव जी की उम्र 60 पर हो चुकी है और वह माध्यमिक विद्यालय से एक इतिहास के रिटायर्ड अध्यापक थे । पिछले साल ही उनकी रिटायरमेंट हुई थी और अब उनके पास दिन में समय ही समय रहता था ।  दिन में यादव जी खाते-पीते, TV देखते, अपना अखबार पढ़ते और शाम को walk के बहाने अपने हमउम्र दोस्तों के साथ गपशप और चाय पर चर्चा करते

यादव जी पिछले 1 घंटे से इंतजार कर रहे थे कि कब बिजली वाला घर आए, कब घर की बिजली ठीक हो और वह अपनी वॉक पर निकल पाए । यादव जी से अब ज्यादा इंतजार नहीं हो रहा था । वह बार-२ खड़े होकर कभी दरवाजे के बाहर गली की तरफ देखते और कभी दीवार घड़ी की तरफ ।

‘इन कारीगरों को तो वक्त की कोई कदर ही नहीं है । इन लोगों के भरोसे बैठे रहे तो चल गया काम । यह लोग ना अपना भला सोचते हैं और ना दूसरों का । एक नंबर के आलसी होते हैं ये लोग’ - यादव जी बिजली Mechanic के बारे मे खरी–खोटी सुनाते हॉल के चक्कर काटने लगे ।

‘थोड़ा सब्र कीजिए, मैकेनिक आ जाएगा । शायद कहीं किसी काम में फस गया होगा’- लक्ष्मी जी ने यादव जी को थोड़ा शांत करते हुए कहा।

टिंग-टोंग, टिंग-टोंग तभी दरवाजे पर घंटी बजी । यादव जी तुरंत दरवाजे की ओर भागे और दरवाजा खोला । सामने देखा तो . ..... 

3 Pounds Evolution

Ever since life existed on earth in any form, This 3 pounds of brain has been the master. That is the sole controller of all evils and ...